Display kya hai, डिस्प्ले कितने प्रकार की होती है और यह कैसे काम करती है?

Display kya hai: जहां पर भी हम Digital Visual के रूप में किसी भी डिवाइस से निकली आउटपुट को देखते है वह एक डिस्प्ले के माध्यम से ही देख पाते है। आज टेक्नोलॉजी के युग में हर जगह हम डिस्प्ले का इस्तेमाल करते है, जैसे:- smart watch, computer, automobile, और Mobile Phone इस्त्यादी। याँह तक की जो आप यह लेख पढ़ पा रहे वह भी एक डिस्प्ले के माध्यम से पढ़ पा रहे हो।

जैसे मैंने बताया की हम अलग-अलग Devices में डिस्प्ले का इस्तेमाल करते है। इन अलग-अलग डिवाइस में भी अलग-अलग तरह की डिस्प्ले का इस्तेमाल होता है, और समय के साथ डिस्प्ले भी upgrade होती चली गयी। इसलिए आज हमारे पास बहुत से प्रकार की डिस्प्ले उपलब्ध है।

display kya hai
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सभी डिस्प्ले का इस्तेमाल हर दिन करते है, लेकिन क्या आपको पता है यह अलग-अलग डिस्प्ले के प्रकार क्या है और डिस्प्ले काम कैसे करती है, तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे की Display kya hai, डिस्प्ले कितने प्रकार की होती है और यह कैसे काम करती है।

Display Kya hai – What is Display in Hindi

डिस्प्ले एक आउटपुट डिवाइस है, जिसमें हम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से प्रोसेस की गयी जानकारी को Presentation या फिर यूँ कहे Visual के रूप में देखते है। डिस्प्ले को हम स्क्रीन के नाम से भी जानते है।
Display में हम इलेक्ट्रॉनिक इनफार्मेशन को देख पाते है, यह इनफार्मेशन images, video, graphic, और PDF File Document के रूप में भी हो सकता है, जिसे हम कई बार Soft Copy भी कहते है। डिस्प्ले पर दिखाई गई किसी भी जानकारी को कभी-कभी सॉफ्ट कॉपी कहा जाता है। यह सब पुराने डिस्प्ले में इलेक्ट्रान के मूवमेंट और आज की डिस्प्ले में Pixel की सहायता से दिखाया जाता है।

डिस्प्ले कैसे काम करता है?

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से आउटपुट के रूप में जो भी इनफार्मेशन हमें डिस्प्ले पर दिखती है वह एक रंगो का कॉम्बिनेशन होता है।

उदाहरण के तौर पर मान लेते है हमें डिस्प्ले में A लिखना है हमने अपने कीवर्ड में A को प्रेस किया, कंप्यूटर उस इनपुट को प्रोसेस करेगा और डिस्प्ले को इंस्ट्रक्ट करेगा कान्ह पर आपको Black दिखाना है और कान्ह पर White, डिस्प्ले यह काम आपने पिक्सेल की सहायता से करेगी।

डिस्प्ले में बहुत सारे पिक्सेल होते है, डिस्प्ले अब उन पिक्सेल में लाइट और कलर कॉम्बिनेशन बना कर, जैसा कंप्यूटर ने इंट्रक्ट किया था बेसा visual आउट आपके सामने दिखा देगी।

डिस्प्ले कितने प्रकार की होती है
डिस्प्ले कितने प्रकार की होती है

इसीलिए एक अच्छे डिसप्ले मानक होता है Display Resolution (एक डिस्प्ले में कितने पिक्सेल है ) और Contrast Ratio (एक डिस्प्ले white को कितना white और black को कितना black दिखा सकती है).

डिस्प्ले कितने प्रकार की होती है

डिस्प्ले के प्रकार की बात करे तो यह अनेको प्रकार की होती है, इनमे अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है ताकि वह यूजर को अच्छे से अच्छा Visual xperience दे पायें ।

LCD Display kya hai

एलसीडी डिस्प्ले एक ऐसी तकनीक है जो प्रकाश को नियंत्रित करने और स्क्रीन पर चित्र या टेक्स्ट उत्पन्न करने के लिए लिक्विड क्रिस्टल का उपयोग करती है। लिक्विड क्रिस्टल पदार्थ की एक अनोखी अवस्था है जिसमें तरल और ठोस दोनों के गुण होते हैं। वे अपने माध्यम से प्रकाश के पारित होने को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे वे डिजिटल डिस्प्ले बनाने के लिए आदर्श बन जाते हैं।

LCD डिस्प्ले कैसे काम करते हैं

एलसीडी electrical currents का उपयोग करके liquid crystals के alignment को नियंत्रित करके काम करते हैं। ये liquid crystals कांच या प्लास्टिक की दो परतों के बीच रखे जाते हैं, और क्रिस्टल का orientation प्रकाश की मात्रा निर्धारित करता है जो इससे गुजर सकता है।

जब डिस्प्ले के specific areas पर electrical charge लगाया जाता है, तो यह लिक्विड क्रिस्टल को इस तरह से मोड़ने या align करने का कारण बनता है कि वे या तो प्रकाश को रोक देते हैं या प्रकाश को गुजरने देते हैं, जिससे पिक्सेल बनते हैं जो images और text बनाते हैं।

डिस्प्ले कैसे काम करता है

TFT Display kya hai

TFT ka Full Form: Thin-Film Transistor होता है। टीएफटी डिस्प्ले एक प्रकार का लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (एलसीडी) है जो image quality, speed और color accuracy में improve के लिए Thin-Film Transistor तकनीक का उपयोग करता है। टीएफटी प्रत्येक पिक्सेल को व्यक्तिगत रूप से नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसके परिणामस्वरूप तेज और अधिक Image Quality प्राप्त होते हैं।

टीएफटी डिस्प्ले कैसे काम करता है

टीएफटी डिस्प्ले डिस्प्ले के भीतर लिक्विड क्रिस्टल के ओरिएंटेशन को नियंत्रित करने के लिए Thin-Film Transistor का उपयोग करके कार्य करता है। स्क्रीन पर प्रत्येक पिक्सेल का अपना समर्पित ट्रांजिस्टर होता है, जो प्रकाश के पारित होने पर सटीक नियंत्रण की अनुमति देता है। यह पिक्सल के तेजी से स्विचिंग को सक्षम बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप fast refresh rates और superior image quality होती है।

LED Display kya hai

LED ka full form: Light Emitting Diode होता है। इस डिस्पले में CCFL को रेप्लस करके LED लगाया गया और इसमें बैक लाइट का काम LED करती है, उसके बाद की डिस्प्ले प्रोसेस एलसीडी की तरह होती है।

OLED Display क्या है

OLED ka full form: Organic Light Emitting Diode होता है। इसे बनाने के लिए बहुत से थिनं आर्गेनिक फिल्म्स को दो कंडक्टर के बीच रखा जाता है और OLED को किसी बैक लाइट पैनल की जरुरत नहीं होती है।
इसलिए OLED में हमें अच्छा कन्ट्रास के साथ अधिक ब्राइटनेस और अच्छी रिफ्रेश रेट देखने को मिलती है।
ब्लैक कलर दिखाने के लिए LED को ऑफ रखा जाता है तो OLED डिस्प्ले पावर भी काफी कम खर्च करती है और इस डिस्प्ले में हमें रंग काफी अच्छे और उभर कर दिखाई देते है। बालक कलर हमें pure back दिखाई देता है और इस डिस्प्ले का visual experiance बड़ जाता है।

Retina Display

जैसा की आप जानते है डिस्प्ले में बहुत सारे पिक्सल लगे होते है, जिस डिस्प्ले में जितने अधिक पिक्सेल होते है उस डिस्प्ले में हमें इमेज उतनी अधिक साफ और स्मूथ दिखाई देती है।

रेटिना डिस्प्ले Apple द्वारा विकसित एक स्वामित्व वाली डिस्प्ले तकनीक है। इसकी विशेषता इसकी high pixel density है, जिसके परिणामस्वरूप यह एक ऐसा डिस्प्ले बन जाता है जहां व्यक्तिगत पिक्सेल सामान्य देखने की दूरी पर मानव आंख से लगभग indistinguishable होते हैं। इस तकनीक का लक्ष्य ऑन-स्क्रीन सामग्री को crisp and clear जैसा printed text or high-quality photographs की तरह बनाना है।

निष्कर्ष: इस पोस्ट में हमने सीखा Display kya hai, डिस्प्ले कितने प्रकार की होती है और यह कैसे काम करती है। मुझे उम्मीद है आपको यह इनफार्मेशन और नॉलेज अच्छा लगा हो। अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ सीखने को मिला तो इसे सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें।

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