हमें चाहे घर लेना हो या घर में प्रयोग होने बाली बस्तुएं लेनी हो, कार लेनी हो, स्मार्टफोन लेना हो या कुछ ओर सब हम EMI पर ले सकते है, चाहे वह हमारे Monthly या Yearly बजट में आता हो या नहीं। EMI के अपने बहुत से फायदे भी है और नुक्सान भी इसलिए हमें यह जानना जरुरी हो जाता है की EMI kya hai – ईएमआई कैलकुलेट कैसे करते है और ईएमआई के लाभ और नुकसान क्या-क्या है।

EMI kya hai – What is EMI in Hindi (ईएमआई क्या है)
EMI ka Full Form – “Equated Monthly Installment” होता है, जिसे हिंदी में समान मासिक किस्त कहते है, किसी भी प्रकार के लोन की समान मासिक किश्तों के भुगतान को EMI कहा जाता है।
Loan के रूप में हमें एक साथ बहुत पैसे तो मिल जाते है, लेकिन उस लोन को हमें लोनदाता को लौटना भी होता है, ऐसे में एक साथ लोन के पुरे पैसे चुकाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए बैंक या फाइनेंस कंपनी EMI का ऑप्शन देती है। ईएमआई के माध्यम से हम हर महीने एक समान किस्त दे कर लोन को चूका सकते है।
समान मासिक किस्त की कुल राशि में लोन की राशि के साथ लोन पर लगने बाली ब्याज की राशि भी शामिल होती है।
ईएमआई की कितनी किश्तें होगी यह लोन लेते समय ही आप तय कर सकते है, की आपको लोन कितने किश्तों में चुकाना है। लोन को चुकाने का समय जितना अधिक होगा EMI उतनी कम होगी और लोन को चुकाने का समय जितना कम होगा EMI उतनी ही अधिक होगी।
EMI में लोन की राशि के साथ ब्याज भी शामिल होता है। लोन की कुल राशि आपने कितने समय तक ली है और उसमे कितना ब्याज लगेगा यह कैलकुलेट करके आपकी मासिक किसत बानी है।
EMI Calculate कैसे करे
आपके लोन की EMI कितनी होगी यह कैलकुलेट करने के लिए आपके पास तीन जानकारी होना आवशयक है।
Principal Amount – मूल ऋण राशि:- मूल ऋण राशि वह राशि होती है जो हमने ऋण के रूप में किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से उधार ली होती है।
Loan Time Limit – ऋण अवधि:- जब भी हम लोन लेते है तो उस लोन को एक पूर्वनिर्धारित समय सीमा के अंदर लौटना होता है। एक लोन को बापिस लौटने के लिए दिए गए समय को Loan Tenure या लोन समय सीमा कहते है।
Monthly Rate of Interest – मासिक ब्याज दर:– ब्याज पैसे उधार लेने के लिए मौद्रिक शुल्क है – आम तौर पर प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, जैसे वार्षिक प्रतिशत दर या मासिक प्रतिशत दर। जिसे हम Interest Rate या ब्याज दर भी कहते है। emi कैलकुलेट करने करने के लिए आपको यह मालून होना चाहिए की आपके लोन कितने प्रतिशत ब्याज दर लगी रही है।
ईएमआई को कैलकुलेट करने के लिए आप निचे दिए गए फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकते है।
EMI = [P x R x (1+R)N] / [(1+R)(N-1)]
याँह पर: P – मूल ऋण राशि (Principal Loan Amount), R – मासिक ब्याज दर (Monthly Rate of Interest), N – ऋण अवधि (Loan Tenure)
EMI को हम सिंपल EMI कैलकुलेटर से भी कैलकुलेट कर सकते है, आपको कैलकुलेटर में Loan Amount, Repayment in Month और Interest Rate डालना है और Submit पे क्लिक कर देना है, आपकी EMI कैलकुलेट हो जाएगी जैसे की निचे इमेज में बताया गया है।

ईएमआई का भुगतान कैसे करे
EMI का भुक्तान करने के लिए हमारे पास मुख्या दो तरीके होते है ऑनलाइन और ऑफलाइन।
ऑनलाइन ईएमआई भुगतान
ऑनलाइन भुगतान करने के लिए लोनदाता आपसे एक फॉर्म साइन करवाता है, जिसमे आपके बैंक को आपके बैंक खाते से EMI को ऑटो डेबिट करने की रिक्वेस्ट होती है, और आपके खाते से औटोमाटिकली emi का भुगतान हो जाता है।
अगर auto debit इनेबल नहीं है लेकिन EMI का भुगतान करने के लिए ऑनलाइन का ऑप्शन है तो आप EMI का नेटबैंकिंग, UPI, Debit या Credit card से भुगतान कर सकते है।
ऑफलाइन EMI का भुगतान
ऑफलाइन में आपको खुद बैंक (लोनदाता) में जाकर Cash या Cheque से भुगतान करना होगा।
कुछ लोनदाता आपसे साइन किये खली चेक ले लेती है और जब EMI के भुगतान का समय आता है तो वह आपके विहाप पे चेक बैंक में जमा करके emi का भुगतान करवा देते है।
ईएमआई के लाभ और नुकसान
जब भी हम EMI पर कोई बस्तु लेते है या अपने किसी लोन का भुगताम करते है तो इससे हमें कुछ लाभ होता है और EMI का देरी से भुगतान या भुगतान न कर पाने पर कुछ नुक्सान भी होता है।
ईएमआई के लाभ
1. खरीद करने की अज्जादि: एक ईएमआई विकल्प आपको शेल्फ से महंगी वस्तुओं को खरीदने की अनुमति देता है, भले ही आपके पास उस समय इसके लिए भुगतान करने के लिए धन न हो। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं, तो एकमुश्त पुनर्भुगतान की तुलना में अपने ऋण के साथ एक ईएमआई विकल्प के साथ अपने सपनों का घर या कार खरीदना आसान है।
EMI ऑप्शन के माध्यम से आप अपने बजट से बहार की बस्तुएं खरीद सकते है, भले ही आपके पास बस्तु के कुल मूल्य जितने पैसे न हो। उदाहरण के लिए, आप एक फ़ोन लेना चाहते है जिसकी कीमत 50000 है, आपकी मासिक आय के हिसाव से आप केवल 10000 का ही फ़ोन खरीद सकते हो, लेकिन emi ऑप्शन से आप उस 50000 के फ़ोन को खरीद सकते हो आप 50000 को पांच किश्तों में भुगतान कर सकते है जिसकी EMI 10000 से कुछ रूपये ज्यादा होगी।
3. जेब पर आसान: चूंकि मासिक भुगतान पहले से ही ज्ञात है और ऋण अवधि के दौरान वितरित किया जाता है, ईएमआई विकल्प आपकी जेब में छेद नहीं करेगा, इसलिए आपको अन्य निवेश करने और कहीं और भी खर्च करने की अनुमति मिलती है।
2. सामर्थ्य: ईएमआई पर आप घर, गाडी, घर का इलेक्ट्रॉनिक समान इत्यादि बड़े ही आसानी से खरीद सकते हो। आपका ऋणदाता कुल राशि को मासिक किश्तों में विभाजित करता है, और जिसे आप EMI के रूप में चुकाते रहेंगे।
4. ईएमआई कैलकुलेटर के साथ भुगतान की योजना बनाएं: ऑनलाइन उपलब्ध ईएमआई कैलकुलेटर आपको मूल राशि, चार्ज की गई ब्याज दर और समय सीमा के आधार पर आपके मासिक बहिर्वाह की गणना करने की अनुमति देगा। अपनी आय से अन्य खर्चों और निवेशों की योजना आसानी से बनाई जा सकती है।
ईएमआई के नुकसान
1. अधिक भुगतान: मान लीजिए कि आप आज rs में एक स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं। 55,000. यदि आप ईएमआई का विकल्प चुनते हैं, तो आपको अपनी चुकौती अवधि के अंत में लागत से अधिक का भुगतान करना होगा। अतिरिक्त राशि संस्था द्वारा अपने धन के उपयोग के लिए लगाए गए ब्याज को दर्शाती है। अपनी अग्रिम खरीद लागत से अधिक भुगतान करने से बचने के लिए, आप एक शून्य-ब्याज वाली ईएमआई योजना की तलाश कर सकते हैं।
2. ईएमआई भुगतान ना कर पाने पर शुल्क: एक ग्राहक के लिए, ईएमआई छूटने या भुगतान में चूक करने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकते हैं। होम लोन या कार लोन के मामले में, यदि आप नियमित रूप से भुगतान में चूक करते हैं, तो आपका ऋणदाता गिरवी रखी गई संपत्ति को लेने का कानूनी रूप से हकदार है।
3. क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव: समय पर ईएमआई भुगतान न करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे आपको भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।
आज हमने क्या सीखा: आज हमने सीखा की EMI kya hai, EMI ka full form क्या होता है, हम EMI को किस तरह से कॅल्क्युलेट करते है, और ईएमआई के लाभ और नुकसान क्या-क्या होते है। मैंने EMI के रिलेटेड सभी इनफार्मेशन और नॉलेज देने की कोशिश की है उम्मीद है आपको पसंद आएगी।