Loan आज हर एक व्यक्ति, परिवार और व्यवसाय का एक अहम् हीसा बन चूका है। हम चाहे कितना भी कमाते हो लेकिन वह हमारी जरुरत और इच्छाओं के आगे कम पड़ ही जाता है।
ऐसे में हम अपनी जरूर या इच्छा को पूरा करने के लिए लोन लेते है। लोन की हमें हमारी जिन्दंगी में कभी न कभी जरुरत पड़ती ही है, फिर चाहे हमें Higher Study करनी हो, गाडी लेनी हो, घर लेना हो या बच्चों की शादी बगेरा करबानी हो, बीमारी का इलाज करवाना हो या हमें अपने व्यवसाय का विस्तार करना हो।
वजह कुछ भी हो जिंदगी में हमें लोन लेने की ज़रूरत पड़ ही जाती है। ऐसे में हमें लोन के सभी पहलु के बारे में पता होना चाहिए जैसे – लोन क्या है, लोन कितने प्रकार के होते हैं और लोन कैसे मिलता है?

लोन क्या है – What is Loan in Hindi
लोन एक ऐसी धन राशि है जो एक व्यक्ति या कंपनी किसी बैंक या अन्य फाइनेंस कंपनी से उधार लेती है, ताकि वह व्यक्ति या कंपनी उस धन राशि से अपनी इच्छाओं या जरूरतों को पूरा कर सके। लोन के रूप में ली गई धन राशि को उधारकर्ता द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर ब्याज सहित चुकाना होता है, जिसे हम EMI कहते है।
लोन किसी व्यक्ति, कॉर्पोरेशंस(Company), और सरकार को दिया जा सकता है। लोन का मुख्या उद्देश्य किसी उधार करता की धन की आपूर्ति को बढ़ाना होता है। लोन पर मिलने बाला ब्याज और फीस लोनदाता का कमाई का एक हीसा होता है।
लोन के मुख्या अंग – Main components of loan
Principal Amount – मूल राशि
मूल राशि वह राशि होती है जो हमने लोन के रूप में किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से उधार ली होती है।
Time Limit – समय सीमा
समय सीमा लोन का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। जब भी हम लोन लेते है तो उस लोन को एक पूर्वनिर्धारित समय सीमा के अंदर लौटना होता है। एक लोन को बापिस लौटने के लिए दिए गए समय को loan time period या लोन समय सीमा कहते है।
Interest – ब्याज
ब्याज पैसे उधार लेने के लिए मौद्रिक शुल्क है – आम तौर पर प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, जैसे वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर)। जिसे हम Interest Rate या ब्याज दर भी कहते है।
बहुत से लोन की ब्याज दर लोन के समय सीमा के आधार पर निर्धारित होती है। अगर लोन अधिक समय तक लिया है तो उसकी ब्याज दर कम और कम समय के लिए, लिए गए लोन की ब्याज दर अधिक होती है।
लोन कितने प्रकार के होते हैं
मुख्या रूप से लोन दो प्रकार के होते है, Secured Loan और Unsecured Loan.
Secured Loan
Secured loan वह लोन होते है, जो किसी प्रकार की सम्पति द्वारा संरक्षित होते हैं। घर या खरीदी गयी गाडी collateral के रूप में प्रयोग की जा सकती है। जब तक लोन चूका नहीं देते तब तक collateral सम्पति के अधिकार लोनदाता के पास होता है।
Car loan Secured loan के अधीन आता है, अगर किसी कारन वश उधार करता car loan लौटाने में असमर्थ हो जाता है, तो लोन दाता car को बेचने का अधिकार रखता है। वह उस car को बेच कर लोन की भरपाई कर सकते है।
किसी प्रकार की सम्पति के आधार पर लिए गए लोन को सिक्योर्ड लोन कहते है। किस सम्पति पर लोन देना है या नहीं यह लोनदाता की Secured loan Policy पर निर्भर करता है।
Secured loan के लाभ
- कम ब्याज दर – Lower Interest Rates
- अधिक लोन लिमिट्स – Higher Loan Limits
- लंबी लोन रीपेमेंट समय सिमा – Longer Repayment Period
Secured loan के कुछ मुख्या उदाहरण
- Home Loan: होम लोन सिक्योर्ड लोन का सबसे उधाहर है। आपको नया घर लेना हो या पुराने घर को ठीक करना हो इसके लिए आप लोन ले सकते है, लोनदाता सबसे पहले आपके घर की वैल्यूएशन करेगा और उस हिसाब से आपको वह लोन प्रदान कर देगा।
- Gold Loan: गोल्ड लोन भी सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है, इसमें आपको अपने गोल्ड को लोनदाता के पास जमा करवाना होता है, और लोन लेते समय गोल्ड के वैल्यू का 75 से 90% तक का लोन मिल जाता है।
- FD पर लोन:– फिक्स डिपाजिट या अन्य प्रकार की जमा राशि जैसे PF आदि पर भी हम लोन ले सकते है।
- Digital सम्पति पर लोन: डिजिटल सम्पति पर भी हम लोन ले सकते है, Mutual fund हमारी डिजिटल सम्पति के रूप में काउंट होता है, इसलिए हम mutual fund आदि पर भी लोन ले सकते है। डिजिटल सम्पति पर लिए गए लोन भी सिक्योर्ड लोन श्रेणी में आते है।
Unsecured Loan
अनसिक्योर्ड लोन वह लोन होते है जिसके पीछे कोई collateral सम्पति नहीं होती। यह लोन किसी सम्पति के आधार पर नहीं मिलता बल्कि यह Unsecured Loan आपकी इनकम सोर्स और क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर मिलता है।
अगर आपके पास कोई इनकम सोर्स है और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर अच्छा है तभी आपको अनसिक्योर्ड लोन मिल सकता है।
Unsecured Loan किस आधार पर दिया जाता है
एक असुरक्षित लोनदाता का मानना है, कि आप अपने वित्तीय संसाधनों के कारण Loan चुका सकते हैं। लोनदाता असुरक्षित लोन देने से पहले निम्न बातो को ध्यान में रख कर निर्णय लेता है, आप लोन चुकाने में सक्षम होंगे या नहीं, फिर उस आधार पर लोन देता है।
- Character – लोन देने से पहले लोनदाता उधारकर्ता के करैक्टर को जांचता है, करैक्टर जांचने के लिए वह आपके क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर और रिपोर्ट को चेक करता है।
- Capacity – उधारकर्ता के उधार चुकाने यानी लोन रीपेमेंट करने में सक्षम है या नहीं यह चेक करने के लिए लोनदाता धारकर्ता के इनकम सोर्स को चेक करता है और आपने पहले से कितना ऋण ले रखा है भी चेक करता है।
- Capital – उधारकर्ता के पास कितनी जम्मा पूंजी है अगर उसका इनकम सोर्स किसी करण से बंद हो जाये तो क्या वह अपनी जमा पूंजी में से उनके लोन को चूका सकता है या नहीं।
Unsecured Loan के कुछ मुख्या उदाहरण
- Personal Loan – पर्सनल लोन एक Unsecured Loan है जो किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी द्वारा Employment History, Income level, Credit history जैसे मानदंडों के आधार पर प्रदान किया जाता है। पर्सनल लोन एक Multi-Purpose Loan है, जिसका उपयोग आप अपनी किसी भी तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।
- Credit Card: ऐसे क्रेडिट कार्ड जो Employment History, Income level, Credit history जैसे मानदंडों के आधार पर प्रदान किया जाते है, क्रेडिट कार्ड Unsecured Loan श्रेणी में आते है।
Student loan और credit line loan इत्यादि भी Unsecured Loan श्रेणी में आते है।
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लोन अप्लाई करने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखते है, तो आपको लोन मिलना बहुत ही आसान हो जायेगा। बैंक या लोन देने बाली कंपनी आपको लोन तभी देगी जब आप उनके मापदंड पर खरे उतरते है, नहीं तो वह आपका लोन रिजेक्ट भी कर सकती है।
रिजेक्ट हुए लोन से आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है, जिससे भबिष्य में आपको लोन लेने में और ज्यादा दिकत आ सकती है। इसलिए आपको निचे बताई गयी सभी बातों पर ध्यान देना है, उसके बाद ही लोन के लिए अप्लाई करना है ताकि Loan Approve होने में कोई दिकत न आएं।
- Credit Score – अगर आपकी लाइफ का यह पहला लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं है तो सबसे पहले आपको अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर लेना है। आपका क्रेडिट स्कोर 750 या इससे अधिक है तो यह Good क्रेडिट स्कोर की श्रेणी में आता है, इससे आपको लोन मिलने में आसानी होगी साथ ही क्रेडिट स्कोर के कारन आपका लोन रिजेक्ट नहीं होगा। अगर आपका क्रेडिट स्कोर बहुत कम है Poor स्कोर श्रेणी में आ रहा है तो ऐसे में आपको लोन के लिए अप्लाई नहीं बल्कि पहले से चल लोन और क्रेडिट कार्ड पर ध्यान देना होगा, आपको इनकी पेमेंट टाइम से करनी होगी तभी आप दूसरे लोन के लिए अप्लाई करें।
- Capacity – आप उधार चुकाने यानी लोन रीपेमेंट करने में कितने सक्षम हो उस हिसाब से ही लोन लें ज्यादा अमाउंट का लोन अप्लाई न करे जिसे आप अपनी कमाई से न चूका सके। लोनदाता यह पहले ही चेक कर लेता है की आपकी इनकम कितनी है और आप कितना लोन चूका सकते हो अगर आप अपनी कैपेसिटी से अधिक राशि का लोन अप्लाई करते है तो उस लोन के रिजेक्ट होने के पुरे पुरे चान्सेस होते है।
- Capital – आपके पास कितनी जम्मा पूंजी और सम्पति है, अगर आपका इनकम सोर्स किसी करण से बंद हो जाये तो क्या आप अपनी जमा पूंजी में से लोन को चूका पाओगे या नहीं।
- Collateral और Mortgages – जिस सम्पति को आप Collateral या Mortgages के रूप में रख कर लोन लेने वाले हो और आपने लोन अपने सम्पति के वर्तमान वैल्यू से ज्यादा का अप्लाई कर रखा है तो वह लोन आपका रिजेक्ट हो जायेगा।
लोनदाता Collateral या Mortgages रखी गयी सम्पति का 70% से 90% तक वैल्यू का लोन देता है, क्यूंकि उसे कुछ मार्जिन रखना होता है। अगर भविष्य में आपके सम्पति की वैल्यू कम हो गयी तो कंपनी या बैंक लोन का पैसा कान्ह से पूरा करेगा।
Loan Apply करने के लिए जरुरी Documents
- Salaried Self-Employed
- Loan Application form पासपोर्ट साइज photograph के साथ
- Identity proof और Residence proof
- पिछले 3 से 6 महीने का Bank Statements
- Processing fee cheque
- पिछले 3 महीने की Salary Slip
- व्यवसाय का प्रमाणपत्र
- Form 16 Business Profile और Previous 3 years Income Tax returns (self and business)